A REVIEW OF HINDI STORY

A Review Of hindi story

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शिवाजी प्रतिमा मामले में पीएम मोदी की माफ़ी स्वीकार करने से विपक्ष का इनकार, फडनवीस क्या बोले?

उस दिन बड़े सवेरे जब श्यामू की नींद खुली तब उसने देखा—घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी काकी उमा एक कंबल पर नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि-शयन कर रही हैं, और घर के सब लोग उसे घेरकर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं। लोग जब उमा को श्मशान सियारामशरण गुप्त

''एक राजा निरबंसिया थे”—माँ कहानी सुनाया करती थीं। उनके आसपास ही चार-पाँच बच्चे अपनी मुठ्ठियों में फूल दबाए कहानी समाप्त होने पर गौरों पर चढ़ाने के लिए उत्सुक-से बैठ जाते थे। आटे का सुंदर-सा चौक पुरा होता, उसी चौक पर मिट्टी की छः ग़ौरें रखी जातीं, जिनमें कमलेश्वर

गाड़ी आने के समय से बहुत पहले ही महेंद्र स्टेशन पर जा पहुँचा था। गाड़ी के पहुँचने का ठीक समय मालूम न हो, यह बात नहीं कही जा सकती। जिस छोटे शहर में वह आया हुआ था, वहाँ से जल्दी भागने के लिए वह ऐसा उत्सुक हो उठा था कि जान-बूझ कर भी अज्ञात मन से शायद किसी इलाचंद्र जोशी

लड़के पर जवानी आती देख जब्बार के बाप ने पड़ोस के गाँव में एक लड़की तजवीज़ कर ली। लेकिन जब्बार ने हस्बा की लड़की शब्बू को जो पानी भर कर लौटते देखा, तो उसकी सुध-बुध जाती रही। जैसे कथा कहानी में कहा जाता है कि शाहज़ादा नदी में बहता हुआ सोने का एक बाल यशपाल

इमेज कैप्शन, मंटो की इस कथा संग्रह में टोबा टेक सिंह, काली सलवार और तमाशा जैसी कई कहानियाँ संकलित हैं.

बरसात का दिन था। एक बिच्छू नाले में तेजी से बेहता जा रहा था।संत ने बिच्छू को नाली में बहता देख।

मोरल – अधिक शरारत और दूसरों को तंग करने की आदत सदैव आफत बन जाती है।

नैतिक शिक्षा – दोस्त सुख-दुःख के साथी होते है। उनसे प्यार करना चाहिए कोई बात छुपाना नहीं चाहिए।

अँधियारे गलियारे में चलते हुए लतिका ठिठक गई। दीवार का सहारा लेकर उसने लैंप की बत्ती बढ़ा दी। सीढ़ियों पर उसकी छाया एक बेडौल फटी-फटी आकृति खींचने लगी। सात नंबर कमरे से लड़कियों की बातचीत और हँसी-ठहाकों का स्वर अभी तक आ रहा था। लतिका ने दरवाज़ा खटखटाया। निर्मल वर्मा

अमूल अमेरिकी दूध बाज़ार पर पकड़ बनाने के लिए कर रहा ये कोशिश

यह कवच विशाल को कुछ दिनों में भारी लगने लगा। उसने सोचा इस कवच से बाहर निकल कर जिंदगी को जीना चाहिए। अब मैं बलवान हो गया हूं , मुझे कवच की जरूरत नहीं है।

"यह बात नहीं कि उनकी जीभ चलती नहीं, पर मीठी छुरी की तरह महीन मार करती हुई. यदि कोई बुढ़िया बार-बार चितौनी देने पर भी लीक से नहीं हटती, तो उनकी बचनावली के ये नमूने हैं हट जा – जीणे जोगिए; हट जा करमाँवालिए; हट जा पुत्ताँ प्यारिए; बच जा लंबीवालिए.

कहानी के जोबन का उभार और बोल-चाल की दुलहिन का सिंगार किसी देश में किसी राजा के घर एक बेटा था। उसे उसके माँ-बाप और सब घर के लोग कुँवर उदैभान करके website पुकारते थे। सचमुच उसके जीवन की जोत में सूरज की एक सोत आ मिली थी। उसका अच्छापन और भला लगना कुछ ऐसा न था जो इंशा अल्ला ख़ाँ

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